Thursday, April 24, 2014

7 'महा' झूठ...


फेंकू के 7 'महा' झूठ...
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी इन दिनों मीडिया का 'प्रमुख चेहरा' हैं। देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा मोदी के भाषणों के चर्चा होती है, वे जो बोलते हैं उसकी चीर-फाड़ भी काफी होती है। पिछले कुछ दिनों से यह बहुत ज्यादा हो रहा है। मोदी के हाल के भाषणों की कुछ ऐसी बातें हैं, जिन्हें उनके झूठ के रूप में बताया जा रहा है। अब यह उनके झूठ हैं या फिर जानकारी का अभाव यह फैसला तो जनता ही कर सकती हैं।

पहला झूठ - 
नरेन्द्र मोदी का कहना है कि चीन अपनी जीडीपी का 20 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करता है, लेकिन भारत सरकार नहीं। 

हकीकत यह है कि चीन अपनी जीडीपी का महज 3.93 प्रतिशत ही शिक्षा पर खर्च करता है। वहीं भारत में एनडीए सरकार के कार्यकाल में शिक्षा पर1.6 प्रतिशत खर्च हुआ और यूपीए के कार्यकाल में सालाना जीडीपी का 4.04 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च हुआ है।

दूसरा झूठ : मोदी ने सभा भारतीय इतिहास से बिहार के गौरव का उदाहरण बखान करते हुए बताया कि सिकंदर महान को गंगा नदी के तट पर बिहारियों ने हराया था। 

हकीकत यह है कि सिकंदर महान तक्षशिला से होते हुए से पुरु के राज्य की तरफ बढ़ा जो झेलम और चेनाब नदी के बीच बसा हुआ था। राजा पुरु से हुए घोर युद्ध के बाद वह व्यास नदी तक पहुंचा, परन्तु वहां से उसे वापस लौटना पड़ा। उसके सैनिक बिहार के नन्द शासक की विशाल सेना का सामना करने को तैयार न थे। इस तरह से सिकंदर पंजाब से ही वापस लौट गया था।



तीसरा झूठ : मोदी ने बिहार के गौरवशाली इतिहास का बखान करते हुए कहा कि विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला या टेक्सिला विश्वविद्यालय बिहार में था। 

हकीकत यह है कि तक्षशिला प्राचीन भारत में शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था। तक्षशिला वर्तमान समय में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले की एक तहसील है।


चौथा झूठ : एनडीए की कार्यकाल में भारत की विकास दर 8.4 प्रतिशत थी। 

हकीकत यह है कि एनडीए के कार्यकाल में भारत की विकास दर मात्र 6 प्रतिशत थी।


पांचवा झूठ : गुजरात में देश में सबसे अधिक विदेशी पूंजी निवेश होता है। 

हकीकत यह है कि आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2000 से 2011 तक गुजरात में 7.2 बिलियन डॉलर का विदेशी पूंजी निवेश हुआ है, जबकि इसी अवधि में महाराष्ट्र में 45.8 बिलियन डॉलर और दिल्ली में 26 बिलियन डॉलर का विदेशी पूंजी निवेश हुआ है।


छठा झूठ : नर्मदा पर बांध बनने पर लोगों को मुफ्त बिजली मिलेगी। 

हकीकत यह है कि अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ है कि किसी प्रदेश में नदियों पर बांध बनने से मुफ्त में लोगों को बिजली मिली हो। राष्ट्रीय बिजली नियामक आयोग के अनुसार बिजली के लिए पैसा देना ही होगा।



सातवां झूठ : मोदी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पटना भाषण के बाद सरकार ने टीवी मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की नीयत से मीडिया एडवाइजरी जारी की है।

हकीकत यह है कि इस मामले हकीकत इससे उलट है। दरअसल, नरेन्द्र मोदी ने पटना में भाषण दिया था, जबकि सूचना प्रसारण मंत्रालय की एडवाइजरी इससे एक सप्ताह पहले जारी कर दी गई थी। यह एडवाइजरी सूचना प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर भी मौजूद है।

यह है फेंकू के 7 महा झूठ। वोट बटोरने में लगे मोदी भूल जाते है की सच क्या है और झूठ क्या है। मोदी को इतिहास की ज़रा सी भी जानकारी नहीं है। क्या आप इसे व्यक्ति को वोट देंगे ?

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