Friday, April 11, 2014

मेरी बीवी हुई है!



मेरी बीवी हुई है!

आखिर फेकुजी ने सच स्वीकार कर लिया है कि वे शादीशुदा हैं और जसोदाबेन उनकी पत्नी का नाम है। अब तक जसोदाबेन ही मोदी को पति मान रही थीं पर अब और कितना झूठ पेस करेंगे फेकुजी इस रिश्ते की सच्चाई से कितने भागते रहे हें! इससे पहले फेकुजी ने तीन विधानसभा चुनाव लड़े और तीनों के ही नामांकन में उन्होंने वैवाहिक स्थिति दर्शाने वाले कॉलम को खाली छोड़ दिया था। उनकी यह स्वीकारोक्ति  अंतरआत्मा की आवाज नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बाद चुनाव आयोग ने 201२ में साफ कर दिया था कि अब कोई कॉलम खाली छोड़ा तो नामांकन-पत्र रद्द हो सकता है। इसी बातको नजर रखते हुए फेकुजी ने अपने नामांकन में उन्होंने वैवाहिक स्थिति दर्शाने वाले कॉलम में जसोदाबेन का नाम लिखा हें चुनाव आयोग की कड़ाई से ही जसोदाबेन को असली पहचान मिली है। सामाजिक दृष्टि से यह उस महिला की जीत है, जिसने केवल सात फेरों के सहारे पति के बिना जीवन के 45 साल काट लिए। फेहू ने शादी के इस सच को कभी सामने आने ही नहीं दिया। बीस दिन पहले हिमाचल की एक रैली में फेकुजी ने साफ तौर पर एलान किया था कि उनके आगे-पीछे कोई नहीं है।

अपनी ही जनता को धोखे में रखा
इस शादी को छुपाने की कोई जरूरत नहीं थी। जब पत्नी थी तो छुपाई क्यों? इसके पीछे एक राज हें और वोराज हे आरएसएस में प्रचारक रहते जाहिरतौर पर वे शादीशुदा होने की बात स्वीकार करते तो शायद उन्हें संघ में वह हैसियत नहीं मिलती, जिसके सहारे वे राजनीति की सीढिय़ां तेजी से चढ़ते हुए अब प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने हैं। पिछले तीन विधानसभा चुनाव में मोदी ने नामांकन पत्र में शादीशुदा कॉलम को खाली छोड़ दिया। अगर वे उसमें अविवाहित होने का जिक्र कर देते तो आज  शायद उन पर कानून की तलवार लटक जाती। क्योकि फेकू का सच तो सामने आने वाला ही था !

वह अपनी पत्नी को सच नहीं हो सकता है जो अपने देश के लिए सच नहीं हो सकता! अब अपनी पसंद करें इनके प्रधानमंत्री पद के उम्मेदवार ने अपनी ही जनता को धोखे में रखा ऐसी पार्टी को सात्ता देना देश से झूठ बोलने जैसा होगा!


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